Modi से पंगा पड़ा महँगा Maldives Crisis News!

भारत से पंगा लेने के बाद मालदीव की अर्थव्यवस्था (Maldives Crisis) को तगड़ा झटका लगा है। मालदीव की GDP एकदम से रुक गई है

मालदीव की अर्थव्यवस्था (Maldives Crisis)को तगड़ा झटका क्यूँ लगा?

कुछ दिनों पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लक्षद्वीप गए थे उनकी ट्विटर की तस्वीरें देख कर मालदीव के तीन मंत्रियों ने मोदी का मजाक उड़ाया था। उसका सीधा असर ये हुआ कि अपनी छुट्टियाँ मानाने मालदीव जाने वाले भारत के पर्यटकों ने मोदी का मज़ाक उड़ाने वाले मालदीव का बहिष्कार करके लक्षद्वीप को अपनी पहली पसंद बना लिया। इससे मालदीव की अर्थव्यवस्था को इतनी गहरी चपत लगी है कि अब वह दीवालिया हो गया है। वहां की कट्टर मुस्लिम भारत विरोधी मुइज्जू सरकार ने खुद को दीवालिया घोषित कर दिया है।

मालद्वीव की अर्थव्यवस्था भारतीय पर्यटकों पर टिका था। लेकिन अपने प्रधानमंत्री मोदी के अपमान किए जाने से भारतीय पर्यटकों में गुस्सा भर गया और भारतीय पर्यटकों अपने हॉलिडे डेस्टिनेशन से मालदीव को हटा दिया।अब आलम यह है की मालद्वीव अब अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के सामने खुद को दीवालिया घोषित कर दिया है। इतना ही नहीं, उसने आईएमएफ के सामने बेल आउट पैकेज देने की गुहार की है जिससे देश का खर्च चल सके।

Modi in Maldives

मालद्वीव के राष्ट्रपति मुइज्जू की अकड़ की वजह से भारत और मालदीव के रिश्तों में खटास बढ़ती गई। इस पर उन्होंने संभवत: चीन के इशारे पर मालदीव में तैनात भारतीय सैनिकों की वापसी को भी एक बड़ा मुद्दा बनाए रखा था।इससे भी संबंध खराब होते गए। राष्ट्रपति मोहम्मद मुइमुज़ू की छवि चीनी जासूस की है ही इसलिए भी भारतीयों ने मालदीव से ज्यादा लक्षद्वीप के सागरतटों को अपनी पहली पसंद बनाया।

दुनियाभर के अर्थविशेषज्ञों ने मालदीव की अर्थव्यवस्था के इतनी जल्दी घुटनों पर आने से हैरान हैं। मालदीव के विपक्षी पार्टी ने वहां की सरकार को पहले ही चेताया था कि भारत से माफी मांगले तो बात संभल सकती है, लेकिन चीन की ईशारों पे काम करने वाला मालदीव ने शायद उस बात की गंभीरता नहीं पहचानी और आज वह उसका दुष्परिणाम भुगतने को मजबूर हुआ है।

सोशल मीडिया पर मालदीव के दीवालिया होने की चर्चा

सोशल मीडिया पर Maldives Crisis होने की चर्चा है। ट्विटर हैंडल टाइम्स अलजेब्रा ने एक खबर साझा कि जिसमें कहा गया है कि आईएमएफ के सामने मालदीव ने अपने को दीवालिया बताया है। इतना ही नहीं, उस देश ने आईएमएफ के सामने हाथ भी पसारे हैं कि बेलआउट पैकेज यानी मुसीबत से उबारने को कुछ पैसे देने की गुहार लगाई है।

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