आचार्य विद्यासागर महाराज दिगंबर जैन समुदाय के सबसे प्रसिद्ध संत थे।
प्रसिद्ध जैन संत Acharya Vidyasagar Maharaj का रविवार सुबह छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ में चंद्रगिरि तीर्थ पर निधन हो गया।आचार्य विद्यासागर जी महाराज कुछ दिनों से बीमार थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तक ने आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के निधन पर दुख व्यक्त किया है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्हें वर्षों से Acharya Vidyasagar Maharaj से आशीर्वाद प्राप्त करने का सम्मान मिला है। “मैं पिछले साल के अंत में डोंगरगढ़, छत्तीसगढ़ में चंद्रगिरि जैन मंदिर की अपनी यात्रा को कभी नहीं भूल सकता। उस समय, मैंने आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जी के साथ समय बिताया था और उनका आशीर्वाद भी प्राप्त किया था।”
आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जी का ब्रह्मलीन होना देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। लोगों में आध्यात्मिक जागृति के लिए उनके बहुमूल्य प्रयास सदैव स्मरण किए जाएंगे। वे जीवनपर्यंत गरीबी उन्मूलन के साथ-साथ समाज में स्वास्थ्य और शिक्षा को बढ़ावा देने में जुटे रहे। यह मेरा… pic.twitter.com/mvJJPbiiwM
— Narendra Modi (@narendramodi) February 18, 2024
जैन मुनि Acharya Vidyasagar Maharaj कौन थे?
आचार्य विद्यासागर महाराज दिगंबर जैन समुदाय के सबसे प्रसिद्ध संत थे। आचार्य विद्यासागर महाराज का जन्म 10 अक्टूबर 1946 को कर्नाटक के सदलगा में हुआ था। उन्होंने छोटी उम्र से ही आध्यात्मिकता को अपना लिया था। 1968 में 22 वर्ष की आयु में, आचार्य श्री विद्यासागर महाराज को आचार्य ज्ञानसागर जी महाराज द्वारा दिगंबर साधु के रूप में दीक्षा दी गई। 1972 में, उन्हें आचार्य का दर्जा दिया गया। उन्होंने हिंदी को बढ़ावा देने और किसी भी राज्य में न्याय वितरण प्रणाली को उसकी आधिकारिक भाषा में बनाने के अभियान का भी नेतृत्व किया।
पूरे राज्य में आधे दिन का राजकीय शोक घोषित
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आचार्य विद्यासागर मुनिराज जी के ब्रह्मलीन होने पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। राज्य सरकार की ओर से वर्तमान समय के वर्धमान कहे जाने वाले विश्व प्रसिद्ध दिगंबर जैन संत परंपरा के आचार्य विद्यासागर महाराज जी के सम्मान में आज छत्तीसगढ़ में आधे दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। इस अवधि में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा तथा कोई भी राजकीय समारोह एवं कार्यक्रम आयोजित नहीं किये जायेंगे।